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Showing posts from July, 2021

रफ़ी तुम ना आना, कभी तुम ना आना - राहुल अभुआ | Rafi Tum Na Aana - Rahul Abhua

"रफ़ी तुम ना आना" जो वादा किया वो, तुम ना निभाना  रफ़ी तुम ना आना, कभी तुम ना आना  अब म्यूजिक कंपनियां ये कहती हैं सबसे  के अब बस हम ही हैं तानसेन जग के, हम ही मौसिकी है, है बंदिश भी हमसे  भजन में भी 'रैपिंग' घुसाते हैं मन से  इस जनता को भी सुनना अब बस इन्ही का फ़साना इसलिए, रफ़ी तुम ना आना कभी तुम ना आना..  © राहुल अभुआ | @rahulabhuaofficial जय रफी़ साहब ❤ #MohdRafi #31stJuly #TributeToMohdRafi #Rafi #RafiSahab #SangeetSamraat  #AnilAbhua #rahulabhua #hindi #kavita #poetry #hindipoetry #mdrafi #yaaderafi #mohdrafisong #jovadakiyawo 

उसके गालों का तिल - राहुल अभुआ | Uske Gaalo Ka Til - Rahul Abhua

उसके गालों का जो तिल है बहुत हसीं हो जाता है जब वो मुस्काती है तो दिन उसका बन जाता है वो झिझक-झिझक कुछ-कुछ कहती उसको वो थोड़ा सहज-सहज उसे सुन पाता है उसका चौबारे पर आकर उचक-उचक तारों को छूना  उसका लपक कर उसको छत पर थाम लेना उस पल उसकी कांधे की लटें जब उसकी उंगली में उलझ जाती हैं तब इक ख़ामोश सहमी लचक आंहों में भर जाती है शर्म से गुलाबी चेहरा उसका जब खिल जाता है उसके गालों का वो तिल बहुत हसीं हो जाता है - राहुल अभुआ 'ज़फर' ✍️   @Rahulabhuaofficial #RahulAbhua #UskeGaaloKaTil #Hindi #Poetry #LovePoetry #HindiKavita #Kavita #HindiPoetry #MainShunyaHiSahi #RomanticPoetry #love 

तुम इंसान कहना - राहुल अभुआ

तुम इंसान कहना - राहुल अभुआ वो हिन्दू कहें तुम रफ़ी कहना वो कहेंगे मुस्लिम तुम अटल कहना वो लाएँ गर मज़हब हमारे बीच तुम इंसान कहना तुम इंसान कहना ना बनो शहीद-ए-आज़म ग़म नहीं पर इंसानियत हम में हो कम नहीं गर गुलिस्ताँ बनाना चाहें वो इक रंग का कहना हम 'हिन्द' हैं कोई मौका-परस्त नहीं वो काफ़िर कहें तुम कलाम कहना वो कहेंगे पापी तुम सलाम कहना वो लाएँ ग़र मज़हब हमारे बीच तुम इंसान कहना तुम इंसान कहना तहज़ीब-ए-गंगा जमुना भुलानी हमें नहीं कुर्बानी उन शहीदों की मिटनी हमें नहीं सियासत के कुछ जमूरे आयेंगे तुम तलक लौ-ए-वतन परस्ती हो हम में कम नहीं वो सिंधु कहें तुम चिनाब कहना वो कहेंगे देशद्रोही तुम इन्किलाब कहना वो लाएँ गर मज़हब हमारे बीच तुम इंसान कहना तुम इंसान कहना तलवारें गर खिंचे तो घबराना तुम नहीं इँसानियत का जज़्बा हो हम में कम नहीं आयेंगे वो सिखाने तुमको वतन-ए-रंग ले आना तुम तिरंगा हाथो में संग-संग वो गोडसे कहें तुम उधम कहना वो कहेंगे विराथु तुम बुद्ध कहना वो लाएँ गर मज़हब हमारे बीच तुम इंसान कहना तुम इंसान कहना.. - © राहुल अभुआ 'ज़फर' #KargilVijayDivas #Kargil #Salute #JaiHind #B...

Live Interview | Main Shunya Hi Sahi

Milte hain aaj shaam 6 baje LIVE on Instagram with Grandezacavern. Judiyega ❤️🌻 Instagram - @RahulAbhuaOfficial Sunday 25th July, 6:00 PM (IST)/08:30 AM (EST) #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #Live #Interview #Filmmaking #RahulKaramchandAbhua #Bhasudi 

विपक्ष - राहुल अभुआ | Hindi Quote

जिस देश का विपक्ष लंगड़ा होगा वो देश कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता - राहुल अभुआ 'ज़फर' | @Rahulabhuaofficial #Vipaksh #HindiQuote #Quote #political #politics #India #Bharat #politicalquote #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua 

पिता के संघर्ष - राहुल अभुआ | Hindi Quote

पिता के संघर्षों को करीब से देखा है इसलिए संस्कारहीन आत्ममुग्ध बौनो से दूरी बनाए रहता हूं - राहुल अभुआ 'ज़फर' Instagram - @RahulAbhuaOfficial #RahulAbhua #HindiQuote #Quotes #HindiQuotes #Zafar #Bhasudi #RahulKaramchandAbhua #Poetry #MainShunyaHiSahi 

मेरी ईद हुई - राहुल अभुआ

मेरी ईद हुई - राहुल अभुआ तेरी मेहंदी का चाँद देखा मेरी ईद हुई मेरी ज़ीस्त की तमन्ना तेरी दीद मेरी ईद हुई पानी में तेरा अक्स चाँद से भी उजला है है वुज़ू भी ज़रूरी पर मुझको तेरी उम्मीद मेरी ईद हुई मुबारक़ चाँद सभी को मेरी नज़रें तुझपे है जो मैं भी तकूं चाँद क्या ख़ाक मेरी ईद हुई तेरी ग़ज़ाल आँखें तेरा संगमर्मर सा बदन मेरे चाँद के सब सितारे हुए मुरीद मेरी ईद हुई - राहुल अभुआ 'ज़फर' | @RahulAbhuaOfficial © All rights reserved under SWA #Rahulabhua #shayari #merieidhuyi #eid #eidmubarak #poetry #mainshunyahisahi #zafar #bhasudi 

बारिश - राहुल अभुआ | Hindi Quote

बारिश भी कितनी इंद्रधनुषी होती है प्रेमी जोड़ों के लिए प्रणय ले आती है और राजनेताओं के लिए लानत.. - राहुल अभुआ 'ज़फर' | @rahulabhuaofficial #rahulabhua #Hindiquote #quote #quotes #HindiQuotes #hindi #rain #mumbairain #delhirain #delhirains #meridilli #delhi #drainagesystem #fail #failsystem #election #political #politicalquotes 

बूढ़ी माँ - राहुल अभुआ | Hindi Quote

तेज़ बारिश में भीगते हुए वो बूढ़ी सिग्नल पर खड़ी छाते बेच रही थी लगता है फिर माँ के प्यार से ज़्यादा किसी की हवस वज़नी रही उसके बेटे पर। - राहुल अभुआ 'ज़फर' | @rahulabhuaofficial  You can place your order here - Amazon - https://amzn.to/36xg6K1 Flipkart - https://bit.ly/3e4vEJs #hindiquotes #Hindiquote #quote #sayings #rahulabhua #RahulAbhuaPoetry #mainshunyahisahi #zafar #filmmaker #dailyquotes #dailyquote 

रेख़्ता और पहली मुलाक़ात - Rekhta Aur Pehli Mulaqat | Hindi Love Story | Rahul Abhua

रेख़्ता और पहली मुलाक़ात - हिंदी कहानी  Buy My Poetry collection 'Main Shunya Hi Sahi', You can place your order here - Amazon  -  https://amzn.to/36xg6K1 Flipkart  -  https://bit.ly/3e4vEJs All rights reserved under SWA © #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #HindiStory #Zafar #book #poetrylovers #RahulKaramchandAbhua #Bhasudi #Shayari #Kavita #HindiKavita #Poetrybook #HindiAudioStory #Audio #HindiKahani #AudioStory #Rekhta #JashnERekhta #RekhtaAurPehliMulaqat 

मैं शून्य ही सही - राहुल अभुआ

मैं शून्य ही सही तुम जैसा मैं नहीं  मैं शून्य ही सही.. मेरी हसरतें जुदा हैं  सब खुशियां ला-पता हैं  ना हारूँगा कभी मैं  ये मेरा हौसला है  इतनी नाकामियो से भी  मायूस मैं नहीं  मैं शून्य ही सही.. सम्तों से अलग बहना  खुद खुदसे कुछ ना कहना  हैँ राह में सौ कांटें  फिर भी है अटल रहना  तू लाख चीख़ मैं कुछ नहीं  मैं शून्य ही सही.. बांधोगे मुझको कैसे  शकुनी के छल के जैसे? देखे ज़माना फिर से  गिरना है अब तुमको कैसे मुझको हराने की उठ..चल..कर फिर एक कोशिश नयी मैं शून्य ही सही.. षड्यत्रं हज़ार तूने जोड़े  तेरे चक्रव्यू मैने मोडे  विश्वास है मेरा वो अर्जुन सा तेज छोडे   दक्ष का गुमां जो तोडे  रावन की बांह मरोडे  है 'शिव' मुझमे भी कहीं  मैं शून्य ही सही  मैं शून्य ही सही... - © राहुल अभुआ 'ज़फर' You can place your order here - Amazon - https://amzn.to/36xg6K1 Flipkart - https://bit.ly/3e4vEJs All rights reserved under SWA © #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #poetrycollection #Zafar #boo...

सबसे हसीन कौन?

इन वादियों का चुपके से यूं मुझसे कहना कि हसीन नज़ारें और भी होंगे लेकिन इन फिज़ाओं की महक-सा हसीन कुछ भी नहीं - राहुल अभुआ 'ज़फर' 🌻 Order my poetry collection here -  https://amzn.to/36xg6K1 #traveldiaries #Kashmir #travelholic #sonmarg #HeavenOnEarth #Kashmiriyat #rahulabhua #writeups #MainShunyaHiSahi

ढलते दिन - राहुल अभुआ | कविता

"ढलते दिन" रात की चाहत होती है माथे का चुम्बन जो हल्की आंच की तरह जलते बदन का सहारा हो सारी रात, उजले दिन को चाहिए होती है छुहन हाथों की जैसे पानी पर लिखावट की तासीर खो जाती है वैसे ही खो जाते हैं उजले दिन, महकती शामें और सर्द रातें जो नहीं खोते वो हैं - माथे का चुम्बन, हाथों की गर्म छुहन और रातों को जागकर देखे सितारे  - राहुल अभुआ 'ज़फर' 🌻 Buy Poetry collection 'Main Shunya Hi Sahi' here 👇 - Amazon - https://amzn.to/36xg6K1 Flipkart - https://bit.ly/3e4vEJs © All rights reserved under SWA. #RahulAbhua #mainshunyahisahi #Poetry #poetrycollection #book #PoetryBlog #Blog #RahulAbhuaBlog #RahulKaramchandAbhua #DhalteDin 

समाज और फूहड़ता - राहुल अभुआ

आमिर खान और किरण राव के इस खूबसूरत फैसले पर खुश होने के बजाये कुछ पढ़े लिखे डिग्री वाले अनपढ़ भाईसाहब और दीदी बेहद फूहड़ सोच के साथ घटिया और गलीच बातें लिख रहे हैं। तरस आता है इनकी मेंटेलिटी पर। समाज के इस ढ़र्रे की सोच आज भी वोहि है - अगर दो गलत लोग एक रिश्ते में बंध गए और उन दोनों को ही इसका एहसास भी हो गया तो बजाये अपने रास्ते अलग करके खुश रहने के उन्हें ताउम्र एक दूसरे की ज़िन्दगी नर्क बनाते रहना ही सही है - ऐसी इन लोगों की सोच होती है। टाइम ट्रेवल जैसी कोई चीज़ है या नहीं इसपर बहस बाद की बात है लेकिन ये लोग आज भी कई सदियाँ पीछे से समय में ट्रेवल करके 2021 में आ गए हैं।  इन्हे समाज में बदलाव दूसरे के घर में चाहिए, अपने इधर हो तो वो इन्हे चुभता है। मालूम है इनको तकलीफ क्या है? - अच्छा होता दोनों लोग तलाक़ न लेकर आपस में लड़ते मरते रहते, तो उससे इन्हे भी एक गॉसिप का टॉपिक मिलता रहता, और शायद साहिर लुधियानवी साहब की कही बात को गलत साबित करने की नापक कोशिश भी करते, जिसमे साहिर साहब ने कहा - 'वो अफ़साना जिसे अंजाम तक पहुँचाना न हो मुमकिन उसे खूबसूरत मोड़ दे कर छोडना अच्छा' - ...

प्रेम और क्रांति - Prem Aur Kranti | Poetry By Anu Roy | Hindi Kavita

  प्रेम और क्रांति मैं कविताएँ नहीं लिख सकता हूँ  न ही मैं तुम्हारा ‘फ़राज़’ हो सकता हूँ  मुझ से ग़ज़ल नहीं पढ़े जाते  मैं मार्क्स को पढ़ता हूँ  ख़ाली वक्त में विश्व की तमाम क्रांतियों के बारे में खोज-खोज जानकारी इकट्ठा करता हूँ फिर तुम्हारा ख़्याल आता है, “तुम रोमांटिक नहीं हो सकते” कह कर मुँह बिचकाती तुम दिखती हो, उस पल में मैं रोमांटिक होने की कल्पना करता हूँ  लेकिन फिर भी मैं नहीं हो पाता तुम्हारी फ़ेवरेट सीरीज़ “You” का ‘जो’ मैं नहीं सज़ा पाता फूलों वाले सपने तारों की छाँव में हम बैठें हों ऐसा कुछ, हाँ मैं देख पाता हूँ  एक घर, जहां हर चीज़ तुम्हारी पसंद की है  कुछ एक मेरी पसंद की भी हैं, बड़ी सी लाइब्रेरी में ख़ूब सारी किताबें उन किताबों पर तुम्हारा नाम, तुम्हारी लिखीं किताबें  मेरी सफ़ेद शर्ट में तुम तुम्हारे उलझे बालों में फँसा मैं तुम लिखती हुई कहीं फँस गयी हो  मुझे तुम समझा रही हो अपनी कहानी का प्लॉट  और मैं सिर्फ़ देख पा रहा हूँ तुम्हारे हिलते होंठों को, कान से निकल कर गालों को छू कर ग़ुस्ताख़ होते तुम्हारे कुछ बालों को, उ...