Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Shayari/Ghazal/Nazm

तेरे इंतज़ार में - राहुल अभुआ । शायरी

कबसे बैठे हैं तेरे दीदार में महफ़िल में हर शख्स रुका है तेरे इंतज़ार में तेरा चल कर आना कुछ यूँ गुज़रा मुझपे क़त्ल हो चूका हूँ मैं तेरे प्यार में दीवानेपन पे मेरे हँसते हैं लोग अक्सर जब भी निकलता हूँ कू-ए-यार में भँवरा बन ढूँढता रहा तुझसी महक कोई फूल न मिला इस दुनिया के गुलज़ार में तू रूठता ही नहीं अब मुझसे, क्या हुआ  सांसें कम बची है क्या तेरे इस बीमार में तेरी खुशी की खातिर खुदको जला लिया नहीं मिलेगा मुझसा इस दुनिया के बाजार में  - राहुल अभुआ 'ज़फर' (Instagram - Main Shunya Hi Sahi) #Shayari #HindiShayari #Poetry #Kavita #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #Shairi #Hindi 

गुलाब - राहुल अभुआ | मैं शून्य ही सही

गुलाब आंखों को गुलाब क्या दूं हाँ, मुझ-से चमन को संभाले हुए हो तुम.. - © राहुल अभुआ 'ज़फर' (7-02-2022) #RahulAbhua #Sher #MainShunyaHiSahi #Poetry #Romantic 

मेरी ईद हुई - राहुल अभुआ

मेरी ईद हुई - राहुल अभुआ तेरी मेहंदी का चाँद देखा मेरी ईद हुई मेरी ज़ीस्त की तमन्ना तेरी दीद मेरी ईद हुई पानी में तेरा अक्स चाँद से भी उजला है है वुज़ू भी ज़रूरी पर मुझको तेरी उम्मीद मेरी ईद हुई मुबारक़ चाँद सभी को मेरी नज़रें तुझपे है जो मैं भी तकूं चाँद क्या ख़ाक मेरी ईद हुई तेरी ग़ज़ाल आँखें तेरा संगमर्मर सा बदन मेरे चाँद के सब सितारे हुए मुरीद मेरी ईद हुई - राहुल अभुआ 'ज़फर' | @RahulAbhuaOfficial © All rights reserved under SWA #Rahulabhua #shayari #merieidhuyi #eid #eidmubarak #poetry #mainshunyahisahi #zafar #bhasudi 

उसको समझ नहीं आया - राहुल अभुआ

उसको समझ नहीं आया  तौहीनो पर भी क्यों चुप थे हम उसको समझ नहीं आया हम रखते हैं मगरूरों को फ़र्श पर उसको समझ नहीं आया अमां तेज़ उछालिये कीचड़ बात दूर तलक तो पहुंचे क्या मिलेगा रोज़ सड़कों पे उतरकर उसको समझ नहीं आया  अना-ज़ाद* के तेज़ लहजे मंज़ूर कैसे करते हम भी रखते हैं अना-परस्ती* उसको समझ नहीं आया जिस्मानी नहीं मेरी रूह में बसना था सखी मुझको समझना है कैसे उसको समझ नहीं आया थम जाती है ये दुनिया उसके नज़र मिलाते ही मुझसे मैं उसके इशारों को कैसे समझता उसको समझ नहीं आया फिर वो रोता भी है और मिन्नतें भी करता है रह-रहकर बुरी अदाकरी पकड़ लेता हूँ मैं उसको समझ नहीं आया - राहुल अभुआ 'ज़फर'✍️ (अना-ज़ाद* - अहंवादी, Egoist  अना-परस्ती* - अभिमान, Pride) आने वाली किताब "मैं शून्य ही सही" से कुछ अंश Coming soon on Amazon, Flipkart and in Kindle version also. #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #BFC #Zafar #RahulKaramchandAbhua #UskoSamjhNahinAaya

उसके बदन की खुशबू से – राहुल अभुआ | Uske Badan Ki Khushbu - Rahul Abhua

उसके बदन की खुशबू से उसके बदन की खुशबू से महकती थी शामें मेरी उसके बदन पर मैंने अपना नाम लिखा देखा है तुम जो करते हो दावा उसको चाहने का तुमने उसकी खिड़की में कभी चाँद देखा है उसकी महफ़िल से गया था मैं जब उठकर सारी महफ़िल ने उसके लफ्ज़ो में मेरा निशा देखा है मेहँदी लगाने की इक अदद आदत भी छूट गयी उसकी  रंगो से बैर हो उसे, ये मैंने पहली दफा देखा है मौसम की सौंधी महक से खिल उठी है गली उसकी आज उसकी छत पे इक फूल खिला देखा है उसको रश्क़ रहा मुझसे की क्यूँ हूँ मैं ज़िन्दीक (नास्तिक) उसे खबर कहाँ थी कि मैंने उसमे खुदा देखा है तुम कभी मिलो तो ये पूछना उससे  'ज़फर' अब इश्तेहारों में है, क्या तुमने वो अख़बार देखा है।। - © राहुल अभुआ 'ज़फर'   (All rights reserved under SWA) #RahulAbhua #Poetry #Ghazal #Shayari #Shairi #HindiPoetry #HindiShairi #HindiShayari #UskeBadanKiKhushbuSe 

ये ज़माने लौट आएंगे – राहुल अभुआ

ये ज़माने लौट आएंगे हम न सही हमसे दीवाने लौट आएंगे तुम शजर फिर बदलोगी फस्ल-ए-गुल के बाद पतझड़ के ज़माने लौट आएंगे – राहुल अभुआ ‘ज़फर’ (फस्ल-ए-गुल - बसंत ऋतु, Spring time) #Sher #RahulAbhua #Writeups #MainShunyaHiSahi #Zafar #hindi #Shayari