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एकांत साथ है - राहुल अभुआ

अकेला नहीं हूँ मेरे संग  तुम पर लिखी कविताएँ, कुछ किताबें और मेरा एकांत है। (किताब: मैं शून्य ही सही)

प्यार वाला मोड़ – हिंदी कहानी

हर दिन की शुरुवात की तरह आज भी निधि के घर में अफरा-तफ़री थी। माँ और निधि खाने की तैयारी में लगे हैं, पापा हर सुबह की तरह हारमोनियम लेकर अपने रियाज़ में लगे हुए मसरूफ हैं, आयुष को जल्दी काम से बाहर जाना है और प्रीती को कॉलेज के लिए देरी हो रही है। अरे निधि ये आयुष कहाँ है? उसको तो 9 बजे तक जाना था न? - माँ ने निधि से पूछा पीछे से आयुष अपने कमरे से बाहर आया ही था की उसे याद आया की वो कुछ सामन अंदर ही भूल गया है, वो वापस अंदर गया। निधि ने आयुष को आते हुए फिर वापस कमरे में जाते हुए देखा और माँ से कहा अरे मम्मी उन्हे..उन्हे तो सोने से फुर्सत कहाँ है, रात भर मूवी देखी है तो कहाँ जल्दी आँख खुलेगी भला निधि ने मजाहियाँ अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा अंदर कमरे से झांकते हुए आयुष ने निधि की तरफ देखा और उसको आँख दिखाते हुए घूरने लगा, निधि ने अपनी हंसी रोकी और खाना पैक करने में लग गयी, तभी माँ ने भी कहा हां, हमेशा का है इसका, जब कुछ काम नहीं होगा तब इसकी हर चीज़ वक़्त से पहले हो जाती है और जिस दिन कुछ काम होता है तो ये लड़का हमेशा ऐसे ही देर करता है, भाई हमने तो बहुत झेल लिया अब तुम झेलो आयुष ...

मेरा घर हिंदुस्तान - राहुल अभुआ

एक दिन हमारे ख़ुशहाल देश में बाहर से कुछ गोरे लफंगे आते हैं और कहते हैं की जैसे तुम लोग रह रहे हो तुम्हे जीना आता नहीं, कितनी गन्दगी है तुम्हारे इस देश में, अब हम सिखाएंगे तुम्हे कैसे रहना है, अब हम बताएँगे तुम्हे कैसे जीना है। वो पहले हमारे दोस्त बने और फिर हमपर राज किया।  जिन्हे मालूम नहीं था इसका जवाब कैसे देना है वो चुपचाप बैठे रहे और इसे जीवन का हिस्सा मान लिया लेकिन कुछ सालों बाद कुछ आज़ादी के मस्ताने आये और उन्होंने इन गोरी चमड़ी वाले काले लोगो को इनकी असली औकात दिखाई और बताया की गंद हमारे घर में नहीं तुम्हारी सोच में है। भगत सिंह जैसे लफ़ण्डर, बिस्मिल जैसे पागल और सुभाष जैसे न जाने कितने सरफिरों ने झुकने की बजाये उस बुरी शक्ति को अपने घर से बाहर करना चुना। 'जो हमको बतलाने निकले थे आज सलाम करते हैं हिंदुस्तान हैं हम दबाओगे तो दुगनी ताकत से हिसाब करते हैं' ~ राहुल अभुआ 'ज़फर' #IndependenceDay #India #Bharat #HappyIndependenceDay #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #JaiHind #ShortStory 

रेख़्ता और पहली मुलाक़ात - Rekhta Aur Pehli Mulaqat | Hindi Love Story | Rahul Abhua

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अधूरी बातें (कहानी) – राहुल अभुआ

अधूरी बातें - राहुल अभुआ सोनाली ने अपनी कॉफ़ी को टेबल पर रखते हुए लैपटॉप ON किया तो देखा कुछ ईमेल्स आये हुए हैं, वो उन आये हुए ईमेल्स को देख ही रही थी, सबसे ऊपर जो ईमेल था वो उसकी पुराने ऑफिस की साथी जया का था, जहाँ वो 12 साल पहले कॉलेज के ख़त्म होने के बाद जॉब करने लगी थी। ये ईमेल जया और बाकी के कुछ साथियों ने मिलकर सभी कलीग्स को भेजा है जिसमे लिखा है की वो सब एक री-यूनियन प्लान कर रहे हैं जिसमे ऑफिस के सभी साथी होंगे। जया ने ईमेल में बोल्ड लेटर्स में ये भी लिखा है की तुम्हे 36 कॉल्स लगाने पड़ते हैं पर तुम्हारा कॉल नहीं लगता है।  अक्सर यहाँ पहाड़ों में थोड़ी नेटवर्क की दिक्कत रहती ही है। उसने वो ईमेल पढ़कर ख़त्म किया ही था की उसके चेहरे पर एक खुशी आ गयी थी, उसकी बड़ी-बड़ी आँखें मानो कबसे चाह रही हो की उसे कम से कम एक बार तो यहाँ हिमाचल से निकलकर वापस अपने शहर दिल्ली हो आना चाहिए था। सोनाली यहाँ हिमाचल में पिछले 8 सालो से रह रही है, माँ के देहांत के बाद से ही वो दिल्ली छोड़कर यहाँ हिमाचल के मंडी शहर में शिफ्ट हो गयी थी।  ईमेल को पढ़ने के बाद उसने कुछ देर सोचा, फिर उसे खयाल आ...

इंतज़ार (कहानी) – राहुल अभुआ

बाग हज़ारा बाग (लखनऊ) में बैठा साहिल इंतज़ार कर रहा था सबा के आने का, वो सबा के लिए झुमके और एक कत्थई रंग का दुपट्टा भी ले आया था। "5 बजे पहुंचना था लेकिन हमेशा मैं इंतज़ार करवाता हूँ इसीलिए ये सबा की बच्ची मुझे जानबूझकर परेशान कर रही है, आने दो मैं बताता हूँ इसको" – साहिल ने घड़ी देखते हुए खुदसे कहा, वो वहीं घूमते लोगों और हाथ में हाथ डाले प्रेमी जोडों को देखकर खुश हो रहा था, यूँ तो उसको प्रेमी जोडों का ऐसे हाथ में हाथ डालकर घूमना बड़ा अजीब लगता था, लेकिन इस वक़्त वो जोडों के प्यार और जज़्बात महसूस कर पा रहा था, कुछ देर बीती थी की साहिल ने घड़ी की तरफ देखा और फिर दूर तक निगाह दौड़ायी लेकिन सबा का कोई नाम-ओ-निशान नहीं था। अब साहिल को बड़ा अजीब लगा, उसने चाहा की वो बाहर देख कर आये लेकिन उसे डर था की अगर वो बाहर गया और उस बीच सबा इधर आ गयी और वो उसे नहीं मिला तो फिर दिक्कत होगी।  उन दोनों को किसी तरह आज ही बनारस के लिए निकलना था और कल शाम को निक़ाह के बाद अपनी ज़िन्दगी शुरू करनी थी। साहिल को ख़याल आने लगे की शायद सबा नहीं आयेगी "सबा धोका नहीं दे सकती मुझे, उसी ने तो मुझे ...