मैं शून्य ही सही
तुम जैसा मैं नहीं
मैं शून्य ही सही..
मेरी हसरतें जुदा हैं
सब खुशियां ला-पता हैं
ना हारूँगा कभी मैं
ये मेरा हौसला है
इतनी नाकामियो से भी
मायूस मैं नहीं
मैं शून्य ही सही..
सम्तों से अलग बहना
खुद खुदसे कुछ ना कहना
हैँ राह में सौ कांटें
फिर भी है अटल रहना
तू लाख चीख़ मैं कुछ नहीं
मैं शून्य ही सही..
बांधोगे मुझको कैसे
शकुनी के छल के जैसे?
देखे ज़माना फिर से
गिरना है अब तुमको कैसे
मुझको हराने की
उठ..चल..कर फिर एक कोशिश नयी
मैं शून्य ही सही..
षड्यत्रं हज़ार तूने जोड़े
तेरे चक्रव्यू मैने मोडे
विश्वास है मेरा वो
अर्जुन सा तेज छोडे
दक्ष का गुमां जो तोडे
रावन की बांह मरोडे
है 'शिव' मुझमे भी कहीं
मैं शून्य ही सही
मैं शून्य ही सही...
- © राहुल अभुआ 'ज़फर'
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