Watch The Video Here - https://youtu.be/DCo96HkSHm0?si=oYVRoYBeXEW9JaDC क्या कहूं..क्या ही कहा जाए..कुछ भी कहने या धारणा बना लेने से पहले दोनों पक्षों को सुनिए (पहले ये वीडियो पूरा देख लीजिए)। अक्सर होता क्या है की एक तरफा बात सुनके धारणा बनाने वाले 'कंधे' दूसरे पक्ष को सुने बगैर स्त्री-पुरुष और बेचारगी को सिर्फ एक तरफ (ज्यादातर महिलाओं के पक्ष में – जबकि अगर आप समानता को सच में मानते हैं तो बराबर होना चाहिए) का पूरा सच मानकर modern judgement पास करने लगते हैं। खेल सामने वाले की नीयत का खेल भी तो हो सकता है। डिग्री वाले अनपढ़ सिर्फ एक प्रमुख लिंग-विशेष के हैं इसलिए सही हैं अगर ये मानकर judgement देने हैं तो समानता का रोना गाना बेमानी है। सुनिए...गढ़िए...समझिए..फिर धारणा बनाइए एक बात और सिर्फ क्योंकि कोई इंसान (महिला और पुरुष या अन्य लिंग कोई भी) शादीशुदा 'था' या उसका कोई रिश्ता था जो खराब निकला तो क्या उस इंसान को अपनी सहूलियत और ज़रूरत के हिसाब से पहले सही और मतलब निकल जाने पर गलत कहकर अपना गंद छुपाया जायेगा? सबसे ज्यादा आश्चर्य इस पर होता है क...