तुमको 'मिकेश' याद है? कैसे अपने अल्हडपने से 'तानिया' को irritate करता है और Casual से 'Permanent' हो जाता है, तुमको 'फैज़ल' याद है? कैसे 'मोहसीना' से बिना परमिशन लिये ड़ांत खा जाता है, तुमको 'प्रेम' याद है? कैसे 'सुमन' के साथ से उसको पा पाता है, तुमको याद होंगे 'सचिव जी' जो सारी भाग-दौड़ के बाद ही सही टंकी पे चढकर 'रिन्की' से मिल पाता है ये सब लोग एक-दूसरे से मुख़्तलिफ़ (अलग) हैं पर पता है एक बात जो इनमे कॉमन है, वो ये की हालातों से जीतें हैं ये सब, ज़िन्दगी 23 का पहाड़ा नहीं, TWO की TABLE है जो गुणा होगी तो EVEN ही बनायेगी, ODD नहीं.. (अगली किताब और फिल्म 'लवसूत्र' के एक सीन का हिस्सा) - राहुल अभुआ 'ज़फर' (all rights reserved under SWA)