Skip to main content

उसके बदन की खुशबू से – राहुल अभुआ | Uske Badan Ki Khushbu - Rahul Abhua



उसके बदन की खुशबू से महकती थी शामें मेरी
उसके बदन पर मैंने अपना नाम लिखा देखा है

तुम जो करते हो दावा उसको चाहने का
तुमने उसकी खिड़की में कभी चाँद देखा है

उसकी महफ़िल से गया था मैं जब उठकर
सारी महफ़िल ने उसके लफ्ज़ो में मेरा निशा देखा है

मेहँदी लगाने की इक अदद आदत भी छूट गयी उसकी 
रंगो से बैर हो उसे, ये मैंने पहली दफा देखा है

मौसम की सौंधी महक से खिल उठी है गली उसकी
आज उसकी छत पे इक फूल खिला देखा है

उसको रश्क़ रहा मुझसे की क्यूँ हूँ मैं ज़िन्दीक (नास्तिक)
उसे खबर कहाँ थी कि मैंने उसमे खुदा देखा है

तुम कभी मिलो तो ये पूछना उससे 
'ज़फर' अब इश्तेहारों में है, क्या तुमने वो अख़बार देखा है।।
- © राहुल अभुआ 'ज़फर'
 
(All rights reserved under SWA)
#RahulAbhua #Poetry #Ghazal #Shayari #Shairi #HindiPoetry #HindiShairi #HindiShayari #UskeBadanKiKhushbuSe 

Comments

Popular posts from this blog

कहानी में तुम - राहुल अभुआ

कुछ कहानियाँ जब सिर्फ़ कहानियाँ होती हैं, तो और भी ख़ूबसूरत लगती हैं। कहानी में तुम्हें कंगन-बालियाँ पहना सकता हूँ, कहानी में तुमसे घंटों बतिया सकता हूँ। अगर उसमें खो भी जाऊँ, तो लिख सकता हूँ कैसे, कहाँ, तुम मुझे फिर से पा सकती हो। कम से कम कहानी में तो तुम बिना झिझक मुझे देख सकोगी, मुझसे कह सकोगी… कुछ और कहो। और हाँ, जब एक कहानी दूसरी से कहे— “मुझे भी एक कहानी सुनाओ,” तो वो दोनों मिलकर एक नई कहानी बुन रही होती हैं। ज़िन्दगी 23 का पहाड़ा नहीं, TWO की TABLE है जो गुणा होगी तो EVEN ही बनायेगी, ODD नहीं.. (अगली किताब का हिस्सा) 🌻 #kahani #rahulabhua #rahul #abhua #mainshunyahisahi #poetry #hindi 

सुनो, वो लड़की है किधर - राहुल अभुआ

सुनो, वो लड़की है किधर? जो शराब के प्याले चियर्स कर रातों को देश बचाने जाती थी फिर नशा उतरते ही ख़ुद को ख़ाली बंजर जो पाती थी जो झूठ ओढ़ हर मैल लिए Women power चिल्लाती थी जो एक जगह से दूजी जगह बस मन बहलाने जाती थी जो छल्ले बना, कई बाहों में Freedom का गाना गाती थी जो हाथ जोड़ और नाक रगड़ तुम्हे अपना बनाना चाहती थी  फिर यार नए संग अपनी हर पहचान मिटाना चाहती थी जो कहकर ख़ुद को आज़ाद रूह हर जिस्म को पाना चाहती थी अपने दिल का सब ख़ालीपन Insta पे छुपाना चाहती थी वो है कहाँ अब खोजो तो निर्भया, साक्षी और कइयों को जो न्याय दिलवा दिया हो तो अमाँ, अब कोई उसको पूछो तो हाँ वो, ख़ाली कुर्सी, सुनसान सड़क अब ढूँढों उसे वो गई किधर है कहाँ अभी वो शाम सहर सुनो, वो लड़की अब है किधर? - राहुल अभुआ | (किताब: मैं शून्य ही सही)

Luz y Sombra – The Art of Contrast in Filmmaking 🎬

Luz y Sombra – The Art of Contrast in Filmmaking 🎬 Cinema thrives on contrasts—light and shadow, hope and despair, chaos and silence. As filmmakers and screenwriters, we sculpt stories in this duality, knowing that brilliance shines brightest against darkness. A well-lit scene may capture beauty, but a well-crafted shadow reveals depth. Just like in life, our narratives find meaning in the spaces between light and dark. What’s your favorite example of contrast in cinema? #filmmaking #director #cinema #films #rahulabhua #screenwriter #writer #filmmaker #art #lights #mainshunyahisahi #actor #creative