The Pursuit of Happyness (2006): जब भी सवाल उठता है आखि़र ज़िंदगी में खुशी के मायने क्या हैं, क्या सिर्फ दिखावा ही ज़िंदगी होती है? ऐसे कई सवालों के जवाबों से रूबरू कराती है ये बेहद खूबसूरत फिल्म। एक पिता, एक इंसान जो इस वजह से ठुकरा दिया गया है क्योंकि उसका समय ठीक नहीं चल रहा है और वो इतना अडिग है कि हार मानने को तैयार नहीं, अपने दुख व्यक्त नहीं करता और बस जानता है की कभी वो सुबह तो आयेगी। इंसान को खुशियों के पीछे भागना होता है और ये जीवन का अमूल्य हिस्सा है, लेकिन खुशियों के पीछे भागने का मतलब भीख कतई नहीं होता। बचपन से लेकर अबतक फिल्म कई बार देख चुका हूं और हर बार अंत में ये जीवांत कर देती है। कहानियां, फिल्में या ज़िंदगी प्रेम से भरी होंगी तो खुशी ही देती हैं। कुछ दिल को छू जाने वाली ऐसी बाते भी हैं जो उसकी मानसिकता दिखाती है, जैसे – "Hey. Don't ever let somebody tell you... You can't do something. Not even me" - "Christopher Gardner: [narrating, at a payphone, raining, after learning Linda is taking Christopher away from him] It was right th...