“I’ll sleep with men of all nationalities before getting married..” – said Anushka’s character in the movie ‘Jab Tak Hai Jaan’
जावेद अख्तर साहब ने हाल में एक इंटरव्यू में दिमागी-मॉडर्न so called feminism (दोहरे फेमिनिज्म और उसको अपनी सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल करने वालो से) पर एक बड़ी संजीदा बात की है।
क्या है evolving concept of modern women in hindi cinema (वैसे men concept पर भी बात की जानी चाहिए) सिर्फ कई मर्दो के सोना है? chemist पर जाकर कंडोम खरीद लेना है? सोशल मीडिया पर खुद को दूसरे वर्ग से ऊपर दिखा कर खुद को victim दिखाना है? सभी मर्द एक से होते हैं ये सब कहना है?
Empower होने के मायने आखिर है क्या क्यूंकि ऊपर लिखे कुछ उदहारण ही 'सिर्फ' आपको आपका empowered होना लगता है तो यकीन मानिये आप बीमार हैं , कईयों के संग सोना या कुछ भी करना आपका निजी अधिकार है लेकिन सिर्फ इसी से आप empowered हो जायेंगे ये सोचने वाली बात है (यहाँ मर्द औरत सभी की बात हो रही है)
'बंदिनी', 'सुजाता', 'मदर इंडिया' and many more जैसा Serious अभिनय करना है यदि ये आपका चुनाव है तो काम न मिल पाने के बाद आप दूसरे पर दोष सिर्फ इस वजह मढ देंगे क्यूंकि आपसे मेहनत नहीं हुई और तमाम छिछले आरोप उनपर मढ़ेंगे जबकि आप न जाने कितनी नाव पर सवार हैं
उन तमाम बच्चे-बच्चियों का क्या जिन्हे सही मायने में Freedom, Equality, Feminism etc. की सही ज़रुरत है?
आप माने या न माने कुछ लोग selfish हो गए हैं और उन्हें खुद को COOL दिखाने के साथ-साथ ये भी दिखाना है की उन्हें देश/समाज की कितनी परवाह है और इसके बाद ही हम हर एक expression को समझने की बजाये exaggerate करने लगते हैं
यहाँ मैं ये साफ़ कर दूँ की यहाँ बात Feminism, Menism और Equality जैसे तमाम शब्दों को बिना समझे उन्हें अपनी सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल करने वाले सभी वर्गों के लिए ये बात की गयी है।
#ThinkLoyal #JavedAkhtar #सनीमा #DegeeWaleAnpadh
Comments
Post a Comment