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Showing posts from October, 2023

मेरे अक्षर तुम्हारी जुबानी | कविता | राहुल अभुआ

मेरे अक्षर तुम्हारी ज़ुबानी जैसे मेरी अधूरी कहानी भला ऐसा तो कुछ लिखा भी नहीं साधारण था मेरा सब वही आज सुना तुमसे तो खूबसूरत लगा बैठा, घूमा फिर सोचने लगा साधारण कविता अब सुंदर कैसे? जादू सा हो हर शब्द में जैसे ये शब्द नहीं लगते मुझको ना जाने क्यूं मेरे लिखे जैसे 'बुरा लिखते हो' - था कहा किसी ने है याद मुझे दिल था टुकड़े टुकड़े तुम इक अलबेली-सी लगती हो जो मेरे हर लिखे को पढ़ती हो था कभी जो बुझा इक गलत लौ से वो चराग़ तुमसे जगमगाया है मेरे शब्द और बोल तुम्हारे देखो, क्या खूबसूरत पल लाया है – राहुल अभुआ (13-10-2023) #Poetry #DilSeDilTak #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #Kavitaye #HindiKavita 

गुलाबों की खुशबू - राहुल अभुआ | Main Shunya Hi Sahi

यात्राओं पर होता हूं तो मन में कुछ सवाल उमड़ पड़ते हैं जैसे क्या इन पहाड़ों पर सबसे पहले चढ़ जाने वाले को मालूम है की – गुलाबों की खुशबू लाल होती होगी? इन हवाओं में बहने का एहसास मन में लिए ऊंचे पहाड़ों के कटीले रास्तों पर चलना और शांति के साथ-साथ  उन आज़ाद पंछियों सा अनुभव कर पाना ही मेरी यात्राओं का हासिल है, वर्ष बीतेंगे तो शायद ज़िंदगी का आखिर पड़ाव यहीं होगा और फिर किसी शाम मैं कूंच कर जाऊंगा अगली किसी यात्रा के लिए.. – राहुल अभुआ  #Poetry #Yatra #Travel #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #Kavitaye 

सो जाओ मत जागो - राहुल अभुआ | So Jao Mat Jaago - Rahul Abhua

सो जाओ  मैं कहता हूँ मत जागो जागे तो सुला दिए जाओगे ज़िन्दा जला दिए जाओगे सूली चढ़ा दिए जाओगे यहाँ सब सोए हैं तुम देखो  ये भी सोया है तुम देखो वो भी सोया है तुम देखो संसार सो रहा खुद देखो तुम भी मत जागो..सो जाओ  मैं सच कहता हूँ सो जाओ  सुकरात जगे तो ज़हर दिया जीसस जगे तो सूली चढे  मंसूर की गर्दन जहाँ कटी  हम खड़े सभी हैं अब भी वहीं  क्यूँ इन सोतों की नींद तोड़ना क्यूँ कर इनकी ज़ंजीर खोलना क्या ज़िन्दा इन्हे कर पाओगे? तुम जागे तो मर जाओगे इसलिए तुम भी मत जागो..सो जाओ  मैं सच कहता हूँ सो जाओ जहां पागल रहना अच्छा हो आँखें मूँदे चलना अच्छा हो तुम क्या बदलोगे वो समाज जो फूहड़ पथ पे चलता हो 'काली' पूजेंगे ये सारे भक्षक खुद ही हैं ये सारे प्रधान इनके खुद सोते हैं  खुद को 'पैगम्बर' कहते है क्या जगा इन्हे तुम पाओगे? गर ये जागे तो तुम सुला दिए जाओगे तुम भी मत जागो..सो जाओ  मैं सच कहता हूँ सो जाओ - © राहुल अभुआ 'ज़फर' ✒️🌻 (29-01-2021) #SoJao #ManipurViolence #Manipur #Poetry #India #MatJaago #RahulAbhua 

पगडंडियां - राहुल अभुआ

रास्तो का चुनाव महत्वपूर्ण है हम अक्सर छोटी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां छोड़कर एक ऐसे रास्ते को थाम लेते हैं जो सुखद लगता है,  जिनकी चिकनी रोशनदार सड़कें पहले तो यात्रा के व्यवस्थित होने का संकेत देती हैं पर उस पर घन्टों चलने के बाद हम सवाल करने लगते हैं उस मोड़ पर किये अपने एक ग़लत चुनाव का। चुनिये असहज रास्ते नहीं, छोटी पगडंडियां जिनपर मिलेंगे काँटों के बीच से झाँकते कुछ फूल जो खुशबू दें न दें  पर आपके थकान भरे चेहरे पर मुस्कान ज़रूर ला देंगे देर शाम को जब प्रकृति अँधेरा ओढ़ चुकी होगी तब इस पगडंडी पर आपका साथ देंगे वो जुगनू जो इन रास्तों पर ख़ास आप जैसे किसी यात्री  का इंतज़ार कर रहे थे, सड़कें, बड़े रास्ते बुरे नहीं लम्बे रास्तों पर लम्बे वक़्त तक  असहजता से घिरे रहना आपको सफर में कहीं नहीं ले जाता छोटी पगडंडियाँ कठोर सही पर ले जाती हैं आपको आपनी मंज़िल तक.. - राहुल अभुआ ✍️ | मैं शून्य ही सही  #MainShunyaHiSahi #poetry #quotes #life #motivation #peace #rahulabhua