यात्राओं पर होता हूं तो मन में कुछ सवाल उमड़ पड़ते हैं
जैसे क्या इन पहाड़ों पर सबसे पहले चढ़ जाने वाले को
मालूम है की – गुलाबों की खुशबू लाल होती होगी?
इन हवाओं में बहने का एहसास मन में लिए
ऊंचे पहाड़ों के कटीले रास्तों पर चलना
और शांति के साथ-साथ
उन आज़ाद पंछियों सा अनुभव कर पाना ही
मेरी यात्राओं का हासिल है,
वर्ष बीतेंगे तो शायद ज़िंदगी का आखिर पड़ाव यहीं होगा
और फिर किसी शाम मैं कूंच कर जाऊंगा
अगली किसी यात्रा के लिए..
– राहुल अभुआ
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