Skip to main content

Posts

एकांत साथ है - राहुल अभुआ

अकेला नहीं हूँ मेरे संग  तुम पर लिखी कविताएँ, कुछ किताबें और मेरा एकांत है। (किताब: मैं शून्य ही सही)
Recent posts

कहीं नहीं जाना है - लेख

  “मैं कहीं नहीं से आया हूँ और मुझे इसके बाद कहीं नहीं जाना है” इस नीले ग्रह पर मेरा, तुम्हारा, सभी का होना एक सच्चाई है या किसी के मन की कल्पना भर, यह खोज का विषय हो सकता है लेकिन इससे पहले हम कहाँ थे या इसके बाद कहाँ होंगे अब यह सवाल excite नहीं करता। दोनों ही सूरतों में इस नीले ग्रह पर (रफ़ी साहब और उनके गीतों के अलावा) दो ही चीज़ें ऐसी हैं जो सुकून देती हैं पहली वो ‘चाँद’, जो कब, कहाँ और कितना दिखाई देगा, इसका अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है, बिलकुल इस अनंत ब्रह्मांड की तरह और दूसरी आपकी मुस्कान जो शायद सामने वाले को उसकी ज़िंदगी में चल रहे उतार-चढ़ाव को कुछ पलों के लिए भूल जाने में मदद कर सकती है, जिस तरह चाँद इस अनंत ब्रह्मांड के गहरे कालेपन में एक प्रकाश भर देता है (कुछ समय के लिए ही सही), वैसे ही चेहरे की मुस्कान भी किसी की आत्मा के खालीपन में कुछ उजाला भर सकती है। मुस्कुराइए ताकि आप इस दुनिया के रंगों में अपनी रोशनी मिला सकें। 🌻

Mountains Or Beaches?

  Beach Or Mountains? - अब ये सवाल सिर्फ एक ट्रैवल चॉइस नहीं बल्कि किसी गहरे subconscious का mirror सा लगने लगा है। कुछ वैसा ही जैसे जब कोई अचानक पूछ ले, “सुनो, तुम्हारा Headphone कहाँ है?” और तुम्हारे पास हो सिर्फ़ एक पुरानी-सी Handsfree, जिसकी तारें उलझी हैं, आवाज़ हल्की है लेकिन उसमें कुछ अधूरे गाने अब भी साथ बहते हैं।  फिर सोचता हूँ अगर Sigmund Freud होता तो कहता “ये Headphone तुम्हारी ‘ideal self’ है जिसे तुम ढूंढते हो लगातार, और Handsfree? तुम्हारा ‘compromise formation’ जहाँ तुम्हारा मन कहता है, “चलो, फिलहाल इससे काम चला लेते हैं।” लेकिन फिर, एक दिन Headphone मिल भी जाए - तो क्या वही सुकून आएगा? या फिर अगर Yuval Noah Harari की तरह सोचूँ तो ये समझ में आएगा कि इंसान की सबसे बड़ी भूल शायद ये है कि वो हमेशा किसी ‘better version’ की तलाश में रहता है और इस चक्कर में ही वो उसे जी नहीं पाता। तो क्या पहाड़ चुनना सचमुच सुकून है या समुंदर को देखने की तलब बस एक और ‘dopamine hit’?  क्या Headphone ही अंत है या Handsfree के साथ बिताए पलों में भी संगीत उतना ही सच था? लेकिन शायद अस...

अगर सब तय है तो - हिंदी कविता

  अगर सब तय है तो तय होगा तुम्हारा रोज़ मुझे यूँ छुप छुप कर देखना, तो तय होगा मेरा तुमसे कुछ भी ना कह पाना, तो तय ये भी होगा कि मैं कहूँ या तुम्हारे कहने का इंतज़ार करूँ तय होगा कि हम कहेंगे कि नहीं.. अगर सब तय है तो तय होगा कि इस खामोशी की भी अपनी ही ज़ुबाँ होगी तो तय होगा कि हमारी नज़रों की जुस्तजू शब्दों से भी आगे जाएगी तो तय ये भी होगा कि कुछ पल यूँ ही थमे रहेंगे हमारे बीच बिना कहे, बिना सुने फिर भी सब कह जाएंगे तय होगा कि कभी रात की चुप्पी में हम अपने दिल से वो कहेंगे जो लफ़्ज़ों से नहीं कह पाए तय होगा कि ये कहानी शायद पूरी न भी हो मगर अधूरी रहकर भी ख़ास बन जाएगी… - राहुल अभुआ (11-06-2025) #Poetry #mainshunyahisahi #rahulabhua #kavita #kavitaye #romance #love 

फुलपाखरू

सफर में अक्सर कुछ सवाल साथ चलने लगते हैं बिना बुलाए, बिना जवाबों की उम्मीद के। जैसे ये पहाड़, जिन पर जब कभी किसी ने पहली बार कदम रखा होगा… क्या उसे मालूम था कि गुलाबों की खुशबू का रंग लाल होता है?   हवा यहां कुछ और ही कहती है। रास्ते पथरीले हैं, लेकिन हर मोड़ पर कोई ना कोई नज़ारा आंखों में कुछ एहसास छोड़ जाता है। एक तितली या कहो, फुलपाखरू (शब्द जो हाल ही में सीखा) अचानक सामने आ जाती है, जैसे उसी के पीछे-पीछे चल रहा हो मन। वो उड़ती है तो लगता है जैसे वक़्त थम गया हो, जैसे ऊंचाई की परिभाषा बदल गई हो, और जब वो फूलपाखरु पास हो तो शब्द शांत रहते हैं मगर मन और आँखें बिल्कुल नहीं। यही तो हासिल है इन यात्राओं का, चलते रहना, महसूस करते जाना, और भीतर कहीं कुछ छोड़ते जाना। साल गुज़रेंगे, शायद सब कुछ यहीं लौट आए। और फिर किसी दिन, किसी शाम की हल्की ठंड में, फूलपाखरु के साथ की तलाश में चुपचाप कूंच कर जाना होगा… अगली किसी यात्रा के लिए। 🌻  -( लिखी जा रही कहानी का हिस्सा )- 

Luz y Sombra – The Art of Contrast in Filmmaking 🎬

Luz y Sombra – The Art of Contrast in Filmmaking 🎬 Cinema thrives on contrasts—light and shadow, hope and despair, chaos and silence. As filmmakers and screenwriters, we sculpt stories in this duality, knowing that brilliance shines brightest against darkness. A well-lit scene may capture beauty, but a well-crafted shadow reveals depth. Just like in life, our narratives find meaning in the spaces between light and dark. What’s your favorite example of contrast in cinema? #filmmaking #director #cinema #films #rahulabhua #screenwriter #writer #filmmaker #art #lights #mainshunyahisahi #actor #creative   

Safar Mein Kahin #Filmmaking

  सफर में कहीं.. 🌻🎬 #filmmaking #mainshunyahisahi  #Rahulabhua