Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2024

आखिर कब तक? - राहुल अभुआ

नये रिश्ते के लिए बहाए गए घडियाली आंसू पुरानी हर मक्कारी को भुला कर तुम्हे ना-पाक से पाक कर देते हैं। लेकिन सवाल ये है – आखिर कब तक? - राहुल अभुआ #Kabtak #quotes #poetry #hindikavita #hindiPoetry #loyalty #opportunist #redflag 

और फिर ये हुआ - कविता 'मुझे उसके रंग याद हैं' shared by Nadhini Ji

Happy to see when a filmmaker (Creator of Amazon Prime's Inspector Rishi series) admires your poetry (Mujhe Uske Rang Yaad Hain) ❤️ Thank you 😊  मुझे उसके रंग याद है हर वो रंग जो बदला मौसम की तरह शुरुवात 'सफेद' से हुई थी जिसमे 'पीला' रंग मुझसा भरा जब दो रंग यूं साथ मिले हम दोनों के अंग संग खिले फिर इक शाम मैंने रंग देखा 'काला' उसने काट हथेली 'लाल' उसको कर डाला वर्ष बीते और रंग बदले हर मौसम उसके ढंग बदले फिर..फिर इक दिन रंग देखा ऐसा कोई नाम नहीं पर रंग था मैला जब सब अपनी आंखों देखा सुना 'सरकारी कुर्सी' मैंने खाली करना चुना - राहुल अभुआ । (किताब - मैं शून्य ही सही) #Karma #MainShunyaHiSahi #Poetry #MujheUskeRangYaadHai #Rang #HindiKavita #loyalty 

ये freedom नहीं नीचता है - लेख

जो भी कम-अक्ल मानसिक रूप से छोटे लोग इस बच्ची का मज़ाक बना रहे हैं उन सभी से बस इतना कहना चाहता हूं 'जाओ और खुद को आंको', सस्ते इंटरनेट की आड़ में जहां बस troll करना ही इकलौता काम है तुम छोटी सोच वालों का, कम से कम ये तो सोचो इस बच्ची ने क्या ये सब नहीं सहा होगा? उस सब भद्दी और फूहड़ता को सुने अनसुने किए उसने जो कामयाबी हासिल की क्या ये नहीं बताती की उस बच्ची की सोच तुम सब troll करने वालो के लिए एक जवाब है। हम इंसानियत को पीछे छोड़कर आखिर जा कहां रहे हैं? सोचिए। Proud of you Sister ❤️ Thank you for making all Indians proud ❤️ #PrachiNigam #UPresults #10thResult #results 

कमाई - भीड़ से अलग

Made my day ❤️ when you sees your write-ups being shared on social media like this 😇 Aakhir tumne kamaya kya hai? Ye rahi kamayi. Bheed ki zarurat nahin isiliye bheed se alag 🤙 #MainShunyaHiSahi #Kamayi #work #Twitter #X #RahulAbhua 

तुम तो मत बिको - लेख

पॉलिटिकल पार्टियों में इतना पलायन इधर से उधर हो रहा है, ये बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई मौका-परस्त सरकारी 'प्रेमिका' जिसने शुरुवात में अपना 'हाथ काट' कर, 'नाक रगड़' कर आपसे रिश्ते में बने रहने के लिए रिलेशनशिप की भीख मांगी था, जिसके लिए तब 'अय्याशी' एक बुरी चीज हुआ करती थी आज समय ख़राब होने पर वो उस 'प्रेमी' को छोड़कर दूसरे पाले में घूम रही है क्योंकि सत्ता कुछ सालों तक उस पाले में रहने वाली है।  ऐसा इस 'प्रेमिका' ने पिछले सभी 'प्रेमियों' के साथ किया और तब के प्रेमी और अब के प्रेमी सभी जानते हैं कि ये प्रेमिका कितनी 'महान' है लेकिन फिर भी इसे स्वीकार कर रहे हैं, इसकी पीछे की वजह 'शारीरिक' हो सकती है। यहां कौन गलत कौन सही ये तो उनकी अपनी 'FREEDOM' है सवाल यहां सिर्फ उन 'प्रेमियों' से हैं यानी 'जनता' से है, जो मौका-परस्त 'प्रेमिका' यानी 'नेता' आज इधर के और कल उधर के हैं, जिनके लिए सही या गलत उनकी सहूलियत के हिसाब से है तो समय है अब तुम 'प्रेमियों' यानी 'जनता' को जागन...