ना-क़ाबिल-ए-बर्दाश्त को बर्दाश्त क्यूँ करें
अब हमने सोच लिया तुमको माफ़ क्यूँ करें
तुम वो हो जो हर साल में यार बदलते हो
सरकारी कुर्सी का इस्तेमाल हम क्यूँ करें
जिस घर में डेरा हो कई मुसाफ़िरों का
उस उजाड़ घर में कारोबार हम क्यूँ करें
- राहुल अभुआ (किताब: मैं शून्य ही सही)
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- राहुल अभुआ (किताब: मैं शून्य ही सही)
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