अभिनेता और स्वघोषित एक्टर्स में क्या फ़र्क होता है?
एक कहता अभिनय वो पेशा (Calling पहले) है जिसमे challanges तो बहुत हैं लेकिन शॉर्टकट्स नहीं। आप अभिनेता हैं, अभिनय आता है तो काम ज़रूर मिलेगा, काम पाने के लिए आपको किसी तीसरी चीज़ की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और ना ही ऐसी किसी चीज़ को डिफेंड करने की जरूरत पड़ेगी। हां, वो बात अलग है जब तक काम मिलेगा तबतक आप अभिनेता बने रह पाएंगे या नहीं।
दूसरा कहता है चुम्बन, steamy scenes आर्ट है, वो आर्ट जिसका weightage अच्छे अभिनय के बराबर है, अब democracy में इस पर आप बहस करेंगे तो जवाब में 'Patriacy', 'Empowerment' जैसे भारी शब्द सुनेंगे (जिनमें logic दूर-दूर तक नहीं होगा) इसलिए जिन्हें अपने अभिनय पर भरोसा नहीं वो तीसरी चीज़ों को ही अभिनय कहेंगे क्योंकि शॉर्टकट्स से उन्हें एक समय तक काम मिलने में आसानी होगी लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं की जो असल अभिनय कर रहे हैं वो और आप एक से हैं। 1000 प्रेम प्रासंगिक steamy म्यूजिक विडियोज कर लेने के बाद अगर आप कहेंगे की मैं और मीना कुमारी/स्मिता पाटील एक बराबर हैं तो ये कुतर्क आप या आपकी सोच वाले लोग ज़रूर मान लें, मैं नहीं मान सकता। 10000 लोग मिलकर एक गलत बात को मान लें तो वो कम गलत नहीं हो जाती।
स्टीमी सीन्स किसी कहानी का हिस्सा ज़रूर हो सकते हैं लेकिन उनके आधार पर आप अभिनेता हो जायेंगे ये फितूर ग़लत है। या तो आप समझ चुके हैं कि आप अभिनेता नहीं हैं इसलिए इन सीन्स की आड़ में काम पाने को आतुर हैं या फिर आप Easy ज़्यादा हैं इसलिए इसके सहारे कुछ प्रोजेक्ट्स तो मिल ही जायेंगे।
'कला सबकुछ है लेकिन सबकुछ कला नहीं'
वो काम भला क्या काम हुआ
‘परफ़ार्मेंस’ अपने बाप का घर
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
कि मॉडल बोले मैं ‘एक्टर’ - Piyush Mishra
( इस लेख का मतलब ये बिल्कुल नहीं की म्यूज़िक विडियोज करने वाले अभिनेता नहीं होते, कुछ चुनिंदा स्वघोषित कट्टर इमानदार अभिनेता (self-claimed) जो slo-mo kissing scenes, bedroom scenes, so called romance करके खुद को अभिनेता कहते हैं ये उनके लिए है)
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