क्या गंभीर को Bi-Polar Disorder है? एक जानकार की मानें तो गंभीर के इस बयान से तो ये ही कहा जायेगा (उनके द्वारा)। सच्चाई क्या है? ‘किसी का भी सच सौ फीसदी सच नहीं होता है’! साथ ही ‘एक इंसान में रहते हैं कई इंसान’, इधर गंभीर अगर धोनी को अपना Best Batting Partner कह रहे हैं और दूसरी चीजों पर धोनी या अन्य किसी खिलाड़ी की आलोचना भी करते हैं तो ये कोई Disorder कैसे हो गया? एक ही इंसान के लिए उसके किसी एक काम पर आपकी राय भिन्न हो सकती है और उसी इंसान की किसी दूसरी बात पर राय भिन्न हो सकती है, बात सिर्फ और सिर्फ LOGIC की है।
गौर से सोचेंगे तो समझेंगे, अगर Science के चश्मे से देखेंगे तो इस दुनिया में कोई भी इंसान नॉर्मल तो नहीं पायेंगे। इंसानों का एक ढर्रा वो भी है जो इस पृथ्वी को दूसरी दुनिया का नर्क मानता है, एक ढर्रा वो भी है जो इस जीवन को सिर्फ और सिर्फ Simulation Theory पर based मानता है, एक Gallileo भी था जिसने कहा की सूरज पृथ्वी का चक्कर नहीं काट रहा बल्कि पृथ्वी घूम रही है और सूरज के चक्कर लगा रही है, लेकिन उस वक्त मान्यता इसके उलट थी इसलिए Galileo को फांसी की सज़ा सुनाई गई – इन सभी बातों पर गौर करें तो पाएंगे की ये सभी examples जो ऊपर दिए ये सब के सब एक दूसरी धारणा वालों के लिए NORMAL तो कतई नहीं, अब Science के चश्मे से देखेंगे तो ये कोई न कोई Disorder शायद निकल भी जाए क्युकी साइंस में तो ज़्यादा पानी पी लेना, ज़्यादा सोचना, कम बोलना, Limitless दबाए जाने पर गुस्सा कर देना भी एक Disorder होगा।
दूसरी किसी चीज़ को देखकर ख़ुद से बिना किसी बात के जोड़ लेना और उस तरीके से अपनी ज़िंदगी में हुई चीज़ों को connect कर लेना भी कोई तो Disorder होगा ही।
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