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Showing posts from November, 2021

छोटी पगडंडियां - राहुल अभुआ | Hindi Poetry

रास्तो का चुनाव महत्वपूर्ण है हम अक्सर छोटी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियां छोड़कर एक ऐसे रास्ते को थाम लेते हैं जो सुखद लगता है,  जिनकी चिकनी रोशनदार सड़कें पहले तो यात्रा के व्यवस्थित होने का संकेत देती हैं पर उस पर घन्टों चलने के बाद हम सवाल करने लगते हैं उस मोड़ पर किये अपने एक ग़लत चुनाव का। चुनिये असहज रास्ते नहीं, छोटी पगडंडियां जिनपर मिलेंगे काँटों के बीच से झाँकते कुछ फूल जो खुशबू दें न दें  पर आपके थकान भरे चेहरे पर मुस्कान ज़रूर ला देंगे देर शाम को जब प्रकृति अँधेरा ओढ़ चुकी होगी तब इस पगडंडी पर आपका साथ देंगे वो जुगनू जो इन रास्तों पर ख़ास आप जैसे किसी यात्री  का इंतज़ार कर रहे थे, सड़कें, बड़े रास्ते बुरे नहीं लम्बे रास्तों पर लम्बे वक़्त तक  असहजता से घिरे रहना आपको सफर में कहीं नहीं ले जाता छोटी पगडंडियाँ कठोर सही पर ले जाती हैं आपको आपनी मंज़िल तक.. - राहुल अभुआ 'ज़फर' ✍️ | @rahulabhuaofficial (21-11-2021) #rahulabhua #poetry #kavita #mainshunyahisahi #hindikavita #rahul #abhua #hindipoetry #chhotipagdandiyan #chotipagdandiyan #raaste 

यात्रा - राहुल अभुआ | Hindi Kavita

मैं फिर से एक यात्रा पर निकल गया हूं खुद को तलाशने की यात्रा पर यहां ऊपर इन बादलों में होने का आभास हमेशा की तरह उलझा हुआ-सा है एक यात्रा जो मैं अपने अंदर कर रहा हूं उसके अनुसार मुझे यहीं होना चाहिए ऊपर इन बादलों में, जहां से सबकुछ बराबर-सा दिखने लगता है रिक्शा भी उतना ही बड़ा प्रतीत होता है जितनी कोई महंगी कार, रिक्शा खींचने वाला वो आदमी भी वैसा ही प्रतीत होता है जैसा कोई नेता लकड़ियां घिसता वो कारीगर हो या कोई बड़ा अफसर यहां से तो सब ही एक समान प्रतीत होते हैं शायद यही वजह है कि ईश्वर को लगता है  हम मानव आज भी उसके बनाए उसूलों पर चल रहे हैं  लेकिन सतही सच्चाई कुछ और है यहां ऊपर होना ईश्वर हो जाना बिल्कुल नहीं है पर ये आभास ये एक अनूठा एहसास  आपको बतलाता है की  आडंबरों से आगे भी एक जहां है, और जब ये बात हम समझ सकेंगे  तब खुद को जानने के  एक कदम और पास आ जायेंगे तबतक यात्रा जारी रहेगी.. - राहुल अभुआ 'ज़फर'  #Yatra #HindiKavita #RahulAbhua #Poetry #HindiPoetry #MainShunyaHiSahi #Blog #RahulAbhuaBlog #PoetryBlog