‘तू बोल’
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तू बोल
इन बहरों के कानों को खोल, तू बोल
दिखा इन्हे इनकी खाली झोली
सिखा इन्हे तू इनकी बोली
दे जवाब इन्हे इनके तर्ज़-ओ-तौर में
बता इन्हे अब फ़िज़ा के रंग और हैं
तब सबकुछ छुप जाता था
तब सबकुछ दब जाता था
अब वो दौर नहीं पर ये लोग वही हैं
इन अन्धों के काणे चोर नहीं हैं
जिनके राज सिंघासन डाँवाडोल हैं
इनकी सत्ता की काली करतूते खोल
तू बोल..
- राहुल अभुआ 'ज़फर' ✍️ | @Rahulabhuaofficial
(Photo - तब की है जब हम नाटक किया करते थे) 🌻
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