•• झिझकते होंठ ••
धुँधले चेहरों में भी तुम दिखो, ऐसा कुछ करिश्मा कर दो
ये बर्फ भी गर्म लगे 'ज़फर', ऐसा कुछ करिश्मा कर दो
ये ख़ामोश बोल मेरे जो अबतक फूटे नहीं
ये खिल-खिलाती हँसी तुम्हारी जो तिलिस्म किये हुए है मुझपे
मेरी ये झिझकती नज़र होंठो से काम ले पाए, ऐसा कुछ करिश्मा कर दो
ये कश्ती, डल झील, तुम और मैं और ये कश्मीर की वादी
यहाँ सब कुछ ठहर जाये और हमसे महके ये वादी
मुसव्विर होके तुम मुझमे फ़ज़ा की चाँदनी भर दो
झिझकते लब ये खुल जाएँ, ऐसा कुछ करिश्मा कर दो..
- राहुल अभुआ 'ज़फर' ✍️
••••••••••••••••••••••••••••
"किताब - मैं शून्य ही सही" on Amazon, Flipkart and Google.
Buy Book 'MAIN SHUNYA HI SAHI' here, Order now -
© All rights reserved under SWA
#JhijhakteHonth #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #poetrycollection #MainShoonyaHiSahi #kashmirdiaries #traveldiaries #RahulAbhuaPoetry
Comments
Post a Comment