कबसे बैठे हैं तेरे दीदार में महफ़िल में हर शख्स रुका है तेरे इंतज़ार में तेरा चल कर आना कुछ यूँ गुज़रा मुझपे क़त्ल हो चूका हूँ मैं तेरे प्यार में दीवानेपन पे मेरे हँसते हैं लोग अक्सर जब भी निकलता हूँ कू-ए-यार में भँवरा बन ढूँढता रहा तुझसी महक कोई फूल न मिला इस दुनिया के गुलज़ार में तू रूठता ही नहीं अब मुझसे, क्या हुआ सांसें कम बची है क्या तेरे इस बीमार में तेरी खुशी की खातिर खुदको जला लिया नहीं मिलेगा मुझसा इस दुनिया के बाजार में - राहुल अभुआ 'ज़फर' (Instagram - Main Shunya Hi Sahi) #Shayari #HindiShayari #Poetry #Kavita #MainShunyaHiSahi #RahulAbhua #Shairi #Hindi